सर्वोच्च न्यायालय
यरओग्रेस प्राइवेट लिमिटेडबनाम अभिषेक खन्नादिनांक 11 जनवरी 2021अपार्टमेंट बार एग्रीमेंटवन साइड नॉट बाइंडिंग
न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनीबनाम बनाममल्टीपरपजकोल्ड स्टोरेज सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ का निर्णयदिनांक 4.3 2020 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम sec 1392) (a) प्रस्तुत करने का समय30 दिन के पश्चात15 दिन बढ़ाया जानाउपभोक्ता अदालत को15 दिन से अधिकसमय बढ़ाने का अधिकार नहीं है
इमिटेशन की शुरुआतका समय नोटिस प्राप्त होने के दिल से
क्षतिपूर्ति मेंशारीरिक मानसिकऔर यहां तक कीभावनात्मक नुकसान बेइज्जतीशामिल है
राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग
2008 राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग-अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस ,किंगफिशर एयरलाइंस – मिस इनफॉरमेशन- कंफर्म टिकट होने के बाद भी यात्री को कहा गया कि दिल्ली -भुवनेश्वर के बीच किंगफिशर की एयरलाइंस फ्लाइट नहीं है अतः यात्री एयर डेक्कन फ्लाइट से जावे I
स्पाइसजेट लिमिटेड बनाम राजू 7/02/2017
फ्लाइट कैंसिल हो गई – ऑपरेशनल और टेक्निकल कारणों से फ्लाइट का कैंसिल हो- जाना यह कहना पर्याप्त नहीं है जबकि अन्य फ्लाइटहै सामान्य रूप सेऑपरेशन कर रही है ,यदि कोई कॉन्ट्रैक्टअनफेयर या अनरीजनेबल है तोउसे लागू नहीं किया जा सकता I
सुनील सिक्का बनाम मेस रामप्रस्था प्रोमोटरस
मकान का कब्जा देने में देरीअनुबंध के अनुसारविपक्षी को15 सितंबर तककब्ज परिवादी को देना था परंतु नहीं दियाऔर 7 साल की देरी के बाद दिया एग्रीमेंट के क्लोज के अनुसार फोर्स मेजर एवं अनफॉरेसीन कर्म से देरी हुईआयोग ने माना किदोनों पक्षों के बीच मेंजो एग्रीमेंट हुआ हैवहवन साइड क्लोज हैजो की अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसकी परिभाषा में आता है
राज्य आयोग
परिवादी द्वारा प्रस्तुत न्यायिक आदेशकिंगफिशर एयरलाइंसकी लापरवाही के कारणमहिला यात्री को3 घंटे इंतजार करना पड़ाऔरउसे एयर इंडिया कंपनीद्वारा भेजा गया वहां भीउसे 2 घंटे इंतजार करना पड़ाऔर गंतव्य स्थान परपहुंचने के बाद भीउसे 2 घंटे इंतजार करना पड़ाक्योंकि उसका सामानअन्य फ्लाइट से आ रहाथा उसी फ्लाइट में नहीं I
राज्य आयोग द्वाराआदेश दिया गयाकीक्योंकिअनुचित कारण से यात्री को इंतजार करना पड़ा इसलिए वह क्षतिपूर्ति पानी की अधिकारी है और आयोग ने क्षतिपूर्तिदिए जाने का आदेश दिया I
पूनम कपूर बनाएम गृह लक्ष्मी सहकारी आवाससमिति
दिनांक2023राजा योग3011राज्योंअपजिला उपभोक्ता अदालत कोजवाब के लिएविपक्ष को नोटिस शामिल होने के बाद30 दिन के अलावा 15 दिन से अधिक समय देने का अधिकार नहीं हैउपभोक्ता अधिनियम के प्रावधानों का निर्वचन एवं व्याख्याइस एक्ट के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उपभोक्ता के हक में किया जाना चाहिएइस अधिनियम के प्रावधानों का निर्वाचन करते समयमूल कर्तव्य अदालत का यह है कि वहरचनात्मकएप्रोच रखें
SEP 2022
जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग चंडीगढ़ –इंडिगो , फ्लाइट पहले दो-तीन बार लेट हुई और उसके बाद कैंसिल कर दी गई यात्री द्वारा रिफंड मांगा गया पर उसेअगली फ्लाइट से जाने के लिए कहा गया मजबूरी में उन्होंने सहमति दे दी परंतु अगली फ्लाइट भी लेट होने के बाद कैंसिल हो गई इंडिगो ने कहा किऑपरेशनल कiरण से फ्लाइट लेट हुई जो उनके कंट्रोल में नहीं थाऔर रिफंड दे दिया
जिला आयोग द्वारा निर्धारित किया गया की विशिष्ट जवाब केअनुपस्थिति में यहस्पष्ट तौर पर दिखता है कि विपक्षी का आचरण परिवादी के प्रति लापरवाही पूर्ण थाऔर विपक्षगण परिवादी को नियमों ,निर्धारित स्टैंडर्ड फॉरमैटऔर शर्तों की आड़ में ऐसे ही नहीं छोड़ सकते इसलिए विपक्षी गन का फ्लाइट को कैंसिल किया जानाऔरबिना किसी विशिष्ट कारण केउसकी लापरवाही को दर्शाता है I
जिला उपभोग्ता प्रतितोष आयोग हैदराबाद
आदेश दिनांक 6.07.2023
डी वी मनोहर बनाम GO एयर लिमिटेड
परिवादी ने अपने परिवार के साथ मालदीव जाने के लिए विपक्षी एयरलाइन्स से कन्फर्म टिकट बुक करवाए, यात्रा की तिथि से 11 दिन पहले विपक्षी ने परिवादी को सूचित किया की यात्रा कैंसल कर दी गयी है , परिवादी ने विपक्षी के ऑफिस में संपर्क किया , न तो उसे फ्लाइट कैंसल करने का कोई कारन बताया गया और न ही दूसरी फ्लाइट का कोई इंतजाम किया गया , उसके बाद रिटर्न यात्रा का कन्फर्म टिकट भी यात्रा से 7 दिन पहले कैंसल करने की सुचना परिवादी को दी गयी अचानक फ्लाइट कैंसल होने के कारन परिवादी को काफी आर्थिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा , अन्य फ्लाइट का इंतजाम करने के कारन उसे अधिक राशि देनी पड़ी , परिवादी के द्वारा राशि एवं क्षतिपूर्ति की मांग की गयी I
विपक्षी द्वारा नियमो का हवाला दिया गया Clause 1.4 of the
Civil Aviation Requirements (CAR) जिसके अनुसार एयरलाइन्स FORCE MAJEURE ( UNFORSEEN CONDITIONS BEYOND CONTROL ) की अवस्था में क्षतिपूर्ति के लिए उत्तर दायी नहीं है , परिवादी के अनुसार यह अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस है
विपक्षी द्वारा कहा गया की उसने परिवादी को फ्लाइट का टिकट की राशि लोटा दिया है इसलिए परिवाद ख़ारिज होने योग्य है
उपभोगता मंच द्वारा मामले में विपक्षी द्वारा किया गया कृत्य अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस और डेफिशन्सी ऑफ़ सर्विस माना गया और उसे विपक्षी के द्वारा परिवादी को क्षतिपूर्ति देना का आदेश दिया गया